राहुल और स्नेहा की शादी हुए 10 साल बीत गए हैं वो एक ही घर में साथ साथ रहते हैं। राहुल अपने काम में व्यस्त रहता है और स्नेहा घर के कामों में। वे दिन भर एक-दूसरे से कुछ खास बात नहीं करते, और शाम को भी अपने-अपने मोबाइल में व्यस्त रहते हैं। धीरे-धीरे, स्नेहा को महसूस होता है कि वे दोनों एक ही छत के नीचे रहते हुए भी अजनबी हो गए हैं। वह राहुल से इस बारे में बात करती है, लेकिन राहुल इसे गंभीरता से नहीं लेता। समय के साथ, उनकी बातचीत और भी कम हो जाती है, और स्नेहा अकेलापन महसूस करने लगती है। यह स्थिति उनके रिश्ते में तनाव और असंतोष को जन्म देती है।
हमेशा से रिश्ते उतार-चढ़ाव से भरे होते रहे हैं। आज के समय में लोगों में रिश्तों के उतार-चढ़ाव से गुजरने का धैर्य नहीं होता। रिश्तों में खुशियाँ तो आती हैं, लेकिन कुछ परेशानियां भी आती हैं। जिसे सहने के लिए आज कोई तैयार नहीं है | आजकल लोग रिश्तों को सुधारने की कोशिश करने के बजाय उन्हें तोड़ना पसंद करते हैं।
रिश्ते प्यार, समझ और आपसी जुड़ाव पर टिके होते हैं, लेकिन आधुनिक समय में एक नई चुनौती उभर रही है—भावनात्मक दूरी (Emotional Unavailability)।
यह समस्या तब होती है जब एक या दोनों पार्टनर मानसिक रूप से जुड़ाव महसूस नहीं करते या अपने इमोशन्स को साझा करने में असमर्थ होते हैं। इसका असर रिश्तों पर गहरा पड़ता है और कई बार ब्रेकअप या तलाक तक की नौबत आ जाती है।
इस लेख में हम इस समस्या के कारण, संकेत और समाधान पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
भावनात्मक दूरी के मुख्य कारण
1. व्यस्त जीवनशैली और समय की कमी
आजकल लोग करियर, सोशल मीडिया और अन्य गतिविधियों में इतने व्यस्त हो गए हैं कि रिश्तों के लिए पर्याप्त समय ही नहीं निकाल पाते। या यूँ कहिये कि रिश्तों को समय देना आज की प्राथमिकता नहीं रह गयी है | पैसा और स्टेटस के पीछे लोग अंधे होकर दौड़ रहे हैं जिससे रिश्ते छूटते जा रहे हैं | यह दूरी धीरे-धीरे रिश्ते में ठंडापन ले आती है।
उदाहरण: एक सर्वे के अनुसार, 70% कपल्स ने यह स्वीकार किया कि वे काम की व्यस्तता के कारण अपने पार्टनर को पर्याप्त समय नहीं दे पाते।
2. अतीत के आघात (Past Trauma)
कई लोग बचपन के अनुभवों या पिछले रिश्तों में मिले धोखे के कारण खुद को पूरी तरह से भावनात्मक रूप से खोलने में असमर्थ होते हैं। यह डर उन्हें वर्तमान रिश्ते में भी खुलकर भावनाएं व्यक्त करने से रोकता है। वो कभी अपने मन की बात अपने पार्टनर को नहीं बता पाते, इस संकोच के कारण उनके रिश्ते बिखरने लगते हैं |
उदाहरण: एक स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों को बचपन में माता-पिता से पर्याप्त भावनात्मक सपोर्ट नहीं मिला, वे भविष्य में रिश्तों में भावनात्मक दूरी का सामना करते हैं।
3. डिजिटल युग और सोशल मीडिया का प्रभाव
मोबाइल फोन और सोशल मीडिया की लत के कारण लोग एक-दूसरे के साथ समय बिताने के बजाय स्क्रीन पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ऑफिस या घर के कामों से फुर्सत मिलने के बाद का समय मोबाईल ले जाता है | इससे वास्तविक बातचीत और भावनात्मक जुड़ाव कमजोर पड़ जाता है।
Love Shadows द्वारा 2023 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि: luvshadows.com
-57% सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने स्वीकार किया कि यह उनके रोमांटिक रिश्तों में ईर्ष्या और दबाव का कारण बनता है।
-49% नियमित सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने बताया कि वे अपने रिश्ते में असंतुष्ट महसूस करते हैं, जबकि केवल 30% कम उपयोगकर्ताओं ने ऐसा महसूस किया।
-46% कपल्स ने माना कि सोशल मीडिया उनके बीच अधिक बहस और तनाव का कारण बनता है।
-35% लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने साथी की सोशल मीडिया आदतों, जैसे अत्यधिक सेल्फी पोस्ट करना या फ्लर्टिंग कमेंट्स, के कारण संबंध तोड़ दिया।
स्रोत: Love Shadows – Relationship Statistics: How Social Media Usage Impacts Partners in 2023
4. कम्युनिकेशन गैप
अगर किसी रिश्ते में संवाद की कमी होती है, तो पार्टनर्स धीरे-धीरे भावनात्मक रूप से अलग हो जाते हैं। बिना संवाद के, गलतफहमियां और मानसिक दूरी बढ़ने लगती है। संबंधों के बनने और बिगड़ने में बात – चीत बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है | बातचीत करना बंद हो जाये तो ये गुस्से का प्रतीक होता है और जहाँ संवाद होता ही न हो वहां प्यार या समझदारी कैसे रह सकती है |
YourTango और Marcia Mediation की रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ‘कम्युनिकेशन समस्याएं’ तलाक का सबसे आम कारण हैं, जो कि 65% मामलों में सामने आता है। यह आंकड़ा YourTango द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण पर आधारित है। स्रोत: Marcia Mediation
Glamour Magazine का अध्ययन: इस अध्ययन में पाया गया कि खराब कम्युनिकेशन 80% ब्रेकअप्स का कारण बनता है। यह अध्ययन Glamour पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। अध्ययन में शामिल 935 प्रतिभागियों में से अधिकांश ने स्वीकार किया कि वे अपने साथी के साथ कठिन मुद्दों पर चर्चा करने से बचते हैं, जिससे संबंधों में तनाव और अंततः टूटन होती है। यह अध्ययन Glamour पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।स्रोत: Glamour Magazine
5. असुरक्षा और आत्म-संदेह
कई लोग अपनी असुरक्षाओं या कमियों के कारण खुद को पूरी तरह से एक्सप्रेस नहीं कर पाते। वे खुलकर बात करने से बचते हैं, वे अपने इमोशन्स को दबाए रखते हैं, जिससे उनका पार्टनर भी धीरे-धीरे दूरी महसूस करने लगता है।
उदाहरण: यदि एक व्यक्ति अपने रिश्ते में बार-बार यह महसूस करता है कि वह पर्याप्त अच्छा नहीं है,सुन्दर या स्मार्ट नहीं है, प्रेसेंटेबल या इम्प्रेसिव नहीं है तो वह खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त करने से बचता है, या झिझक महसूस करता है जिससे रिश्ते में दूरी बढ़ जाती है।
6. अपने साथी को हल्के में लेना
आधुनिक रिश्ते की यह एक बड़ी समस्या है अपने साथी को हल्के में लेना। कई बार, जब रिश्ते पुराने हो जाते हैं, तो लोग सोचते हैं कि उनका साथी तो अब उन्हें नहीं छोड़ेगा, चाहे वे कैसा भी व्यवहार करें। वो अपने साथी के विशेष प्रयासों और कार्यों को हल्के में लेना शुरू कर देते हैं।
उदाहरण के लिए, आपका साथी हर दिन आपके लिए आपका पसंदीदा खाना बना सकता है। आप कुछ समय के लिए इसकी सराहना करेंगे, लेकिन जल्द ही यह एक दिनचर्या बन जाएगी। आप अपने साथी की सराहना किए बिना प्रयास को हल्के में लेना शुरू कर देंगे। यह संबंध समस्याओं का आधार बनता है और पार्टनर्स को एक-दूसरे से दूर कर देता है।
वैवाहिक जीवन या पारिवारिक जीवन में ऐसे हजारों उदाहरण आपको मिल जायेंगें जब आप अपने साथी या परिवार के सदस्यों को वजन नहीं देते, उनके कार्यों की खुल कर प्रशंसा नहीं करते।
7. बेमेल यौन सम्बन्ध
सेक्स रिश्तों का एक अभिन्न अंग है। अगर आपकी सेक्स लाइफ़ खुशनुमा नहीं है, तो आपके लिए एक खुशहाल रिश्ता बनाना वाकई मुश्किल है। आधुनिक रिश्तों में बेमेल सेक्स ड्राइव आम बात है। जैसे-जैसे आपका शरीर असंख्य परिवर्तनों से गुज़रता है, इसका सीधा असर व्यक्ति की सेक्स ड्राइव पर पड़ता है। तनाव, हार्मोनल असंतुलन, उम्र बढ़ने और अन्य समस्याओं के साथ कई बदलाव होते हैं।
अंतरंगता की कमी जोड़ों को दूर और अलग-थलग कर सकती है। चाहे आपका रिश्ता कितना भी पुराना क्यों न हो, अपने साथी के साथ अंतरंग होने के लिए समय निकालने का प्रयास करें। आप रिश्ते को छोड़ देने के बजाय मेडिकल सहायता भी ले सकते हैं।
8. विवाहेतर संबंध
जब रिश्ते लंबे समय तक चलते हैं, तो लोग अक्सर अपने साथी से ऊबने लगते हैं। प्रतिबद्ध एकल संबंध बनाए रखना लोगों की सोच से ज़्यादा मुश्किल होता है। यह उन प्रमुख कारणों में से एक है जिसकी वजह से लोग शादी से बाहर हो जाते हैं| असल ज़िंदगी में, रोमांटिक पार्टनर अक्सर दूसरे लोगों की ओर आकर्षित होने लगते हैं। अगर आपका रिश्ता नीरस है, तो संभावनाएँ और भी ज़्यादा हैं।
बेंगलुरु को ‘भारत की बेवफाई की राजधानी’ कहा गया है, जहां 1.35 लाख लोगों ने ग्लीडन पर विवाहेत्तर संबंधों के लिए पंजीकरण किया है। इनमें से लगभग 43,200 महिलाएं हैं, जो ‘उत्साह और स्वतंत्रता’ की तलाश में हैं। यह आंकड़ा 2020 में ग्लीडन द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से प्राप्त हुआ है। स्रोत: GQ India
ग्लीडन के अनुसार, विवाहेत्तर संबंधों की ओर रुझान के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे: बोरियत और एकरसता (63%), संचार की कमी और भावनात्मक असंतोष en.gleeden.com+4Bangalore Mirror+4GQ India+4 लंबे कार्य घंटे और व्यस्त जीवनशैली
स्रोत: Economic Times
भावनात्मक दूरी के संकेत
-बातचीत में रूखापन या संवाद की कमी
-फिजिकल इंटिमेसी में कमी
-किसी भी मुद्दे पर ज्यादा बहस या टकराव
-एक-दूसरे के साथ समय बिताने की इच्छा में कमी
-जरूरत के समय सपोर्ट की कमी महसूस करना
-पार्टनर की भावनाओं के प्रति उदासीनता
🔬 वैज्ञानिक अध्ययन
1. भावनात्मक दूरी और रिश्तों की गुणवत्ता
साइंसडेली में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की वास्तविक और आदर्श निकटता के बीच अंतर होता है—चाहे वह “बहुत पास” हो या “बहुत दूर”—तो यह रिश्ते को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और अवसाद के लक्षणों को बढ़ा सकता है। इस अध्ययन में पाया गया कि यह अंतर जितना अधिक होता है, रिश्ते में असंतोष और मानसिक तनाव की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। ScienceDaily
2. COVID-19 महामारी के दौरान भावनात्मक दूरी
SAGE जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि COVID-19 महामारी के दौरान युवा वयस्कों के रिश्तों में भावनात्मक दूरी बढ़ी। महामारी से संबंधित सुरक्षा उपायों और व्यक्तिगत स्वास्थ्य व्यवहारों को लेकर असहमति ने रिश्तों में तनाव और दूरी को जन्म दिया। यह अध्ययन दर्शाता है कि बाहरी परिस्थितियाँ भी भावनात्मक दूरी का कारण बन सकती हैं।
https://journals.sagepub.com/doi/10.1177/10541373211047191
समाधान और सुधार के तरीके
1. खुलकर बातचीत करें
भावनात्मक दूरी को कम करने के लिए सबसे जरूरी है खुला और ईमानदार संवाद। अपने विचार, परेशानियां और इच्छाएं पार्टनर से शेयर करें। संबंधों को बनाये रखने की यह सबसे जरुरी और प्रमुख शर्त है | उदाहरण: अमेरिका में हुए एक शोध में पाया गया कि जो कपल्स हर दिन कम से कम 30 मिनट बिना फोन के बातचीत करते हैं, उनकी रिलेशनशिप ज्यादा मजबूत होती है।
2. एक-दूसरे को समय दें
रिश्ते को मजबूत करने के लिए पार्टनर के साथ क़्वालिटी टाइम बिताना बेहद जरूरी है। एक-दूसरे के साथ घूमने जाएं, साथ में डिनर करें, गाने सुनें, साथ में योग या एक्सरसाइज करें, या कोई एक्टिविटी करें। उदाहरण: एक कपल जो हफ्ते में कम से कम एक बार डेट नाइट प्लान करता है, उनके बीच भावनात्मक जुड़ाव अधिक मजबूत रहता है।
3. भावनाओं को व्यक्त करने की आदत डालें
कई बार लोग अपने इमोशन्स को जाहिर करने में झिझकते हैं। यह जरूरी है कि दोनों पार्टनर्स अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करें ताकि कोई गलतफहमी न हो। एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से अपने पार्टनर के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, उनकी रिलेशनशिप अधिक संतोषजनक होती है।
4. सोशल मीडिया और स्क्रीन टाइम कम करें
मोबाइल और सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से रिश्ते में दूरी बढ़ सकती है। इनमे अपना कीमती समय नष्ट करने की जगह अपने परिवार को वो समय दें | कोशिश करें कि ऑफलाइन समय को एंजॉय करें और रिश्ते को प्राथमिकता दें। कम से कम घर में मोबाइल का प्रयोग आवश्यकता पड़ने पर ही करें|
5. थेरेपी और काउंसलिंग लें
अगर रिश्ते में भावनात्मक दूरी बहुत ज्यादा हो गई है और खुद से सुधार नहीं हो पा रहा, तो कपल थेरेपी या रिलेशनशिप काउंसलिंग लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आजकल हर शहर में ऐसे मनोवैज्ञानिक केंद्र खुल गएँ हैं जो पारिवारिक या पार्टनर्स की समस्याओं का निराकरण करते हैं| उदाहरण: एक रिसर्च में पाया गया कि कपल थेरेपी लेने वाले 75% जोड़ों ने अपने रिश्ते में सुधार महसूस किया।
6. रिश्तों में ईमानदार रहें
यदि आप सचमुच अपने रिश्ते का महत्त्व समझते हैं और उसे खोना नहीं चाहते तो आपको रिश्तों में ईमानदारी बरतनी होगी | यह महिलाओं और पुरुषों दोनों पर समान रूप से लागू होता है | हर चमकती चीज सोना नहीं होती, अपने घर परिवार से अलग होकर यदि आप चाहें तो भी वो अपनापन, वो सम्मान आपको नहीं मिलेगा| यदि आप उस रिश्ते में नहीं रह सकते तो स्पष्ट रूप से अलग हो जाएँ बशर्ते कि रिश्ते में बेईमान बनें |
निष्कर्ष;
भावनात्मक दूरी एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसे सुधारा जा सकता है। रिश्तों में प्यार और गहराई बनाए रखने के लिए जरूरी है कि दोनों पार्टनर एक-दूसरे को समझें, भावनाओं को साझा करें और एक-दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। रिश्ते की मजबूती के लिए सबसे जरूरी चीज है—सच्चा संवाद और भावनात्मक जुड़ाव।
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