G-5PXC3VN3LQ

व्यवहारिक मनोविज्ञान – सोच और व्यवहार को समझने की कला

इस कैटेगरी में पढ़ें व्यवहारिक मनोविज्ञान से जुड़े लेख, जो आपके सोचने, समझने और प्रतिक्रिया देने के तरीके को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।

marriage pressure
चिंता और तनाव प्रबंधन – मानसिक शांति के मनोवैज्ञानिक तरीके, मनोवैज्ञानिक सुझाव – जीवन को आसान और समझदार बनाने के लिए, व्यवहारिक मनोविज्ञान – सोच और व्यवहार को समझने की कला, स्व-विकास – खुद को बेहतर बनाने की दिशा में पहला कदम

शादी के दबाव में फंसे युवा: समस्याएं, चुनौतियां और समाधान

शादी एक महत्वपूर्ण फैसला है, जिसे सोच-समझकर, बिना दबाव के, पूरी आज़ादी और जिम्मेदारी के साथ लेना चाहिए। तभी हम अपने और अपने परिवार के लिए एक सुखद और संतुलित जीवन की नींव रख सकते हैं।

, , , , , , , , ,
Emotional Baggage
Rewire your soach, चिंता और तनाव प्रबंधन – मानसिक शांति के मनोवैज्ञानिक तरीके, मनोवैज्ञानिक सुझाव – जीवन को आसान और समझदार बनाने के लिए, व्यवहारिक मनोविज्ञान – सोच और व्यवहार को समझने की कला, स्व-विकास – खुद को बेहतर बनाने की दिशा में पहला कदम

Emotional Baggage: क्या हम अपने अतीत को ढोते रहते हैं ?

हममें से अधिकांश लोग अनजाने में ही अपने अतीत को ढोते हैं और फिर उसी बोझ से थककर, अपने आज के रिश्तों को भी खंडित कर बैठते हैं। पर यह ज़रूरी है कि हम जानें — हमारा अतीत हमें परिभाषित नहीं करता, हमारी वर्तमान समझ और स्वीकृति करती है।

, , , , , , , , , ,
मनोवैज्ञानिक सुझाव – जीवन को आसान और समझदार बनाने के लिए, व्यवहारिक मनोविज्ञान – सोच और व्यवहार को समझने की कला, स्व-विकास – खुद को बेहतर बनाने की दिशा में पहला कदम

Couples Therapy: रिश्तों को बचाने का साइंटिफिक तरीका

Couples Therapy एक इलाज नहीं, बल्कि एक अभ्यास (process) है – जहां कपल्स अपने पुराने जख्मों को समझते हैं, व्यवहारिक आदतों को सुधारते हैं और एक नए, स्वस्थ रिश्ते की नींव रखते हैं।

, , , , , , , , , ,
Self-Sabotage
Rewire your soach, चिंता और तनाव प्रबंधन – मानसिक शांति के मनोवैज्ञानिक तरीके, मनोवैज्ञानिक सुझाव – जीवन को आसान और समझदार बनाने के लिए, व्यवहारिक मनोविज्ञान – सोच और व्यवहार को समझने की कला, स्व-विकास – खुद को बेहतर बनाने की दिशा में पहला कदम

Self-Sabotage: हम खुद को सफल होने से क्यों रोकते हैं?

Self-Sabotage को हराना कोई एक दिन की प्रक्रिया नहीं, एक अभ्यास है। हर दिन जब आप खुद को थोड़ा बेहतर समझते हैं, और थोड़ा आगे बढ़ते हैं तभी आप खुद को रोकने की बजाय को उठाना शुरू करते हैं। अपने ही दुश्मन मत बनो — अपने सबसे अच्छे साथी बनो।

, , , , , , , , , , ,
Entitlement Syndrome
मनोवैज्ञानिक सुझाव – जीवन को आसान और समझदार बनाने के लिए, व्यवहारिक मनोविज्ञान – सोच और व्यवहार को समझने की कला, स्व-विकास – खुद को बेहतर बनाने की दिशा में पहला कदम

मुझे सब मिलना ही चाहिए: युवाओं में बढ़ती हकदारी की भावना

“मुझे सब कुछ मिलना चाहिए” — यह सोच जितनी आकर्षक लगती है, उतनी ही खतरनाक भी है। यह व्यक्ति को अंदर से खोखला कर देती है। यदि हम एक संतुलित और सफल जीवन चाहते हैं, तो हमें अधिकार की नहीं, जिम्मेदारी की भावना को अपनाना होगा।

, , , , , ,
मोटापा : भारत की अगली महामारी
Rewire your soach, व्यवहारिक मनोविज्ञान – सोच और व्यवहार को समझने की कला, स्व-विकास – खुद को बेहतर बनाने की दिशा में पहला कदम, स्वास्थ्य और पोषण

मोटापा: भारत की अगली महामारी तो नहीं है ?

भारत में मोटापा तेजी से एक नई महामारी के रूप में उभर रहा है। जानिए इसके पीछे के कारण, डराने वाले आंकड़े, और इससे निपटने के लिए जरूरी कदम – इस तथ्यपूर्ण और चेतावनी भरे ब्लॉग में।

, , , , , , , , ,
Multiple selves theory
Rewire your soach, मनोवैज्ञानिक सुझाव – जीवन को आसान और समझदार बनाने के लिए, मानसिक स्वास्थ्य – तनाव, चिंता और आत्म-संतुलन के उपाय, व्यवहारिक मनोविज्ञान – सोच और व्यवहार को समझने की कला

कभी आपने सोचा? हर आदमी में होते हैं, दस-बीस आदमी

क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे अंदर सच में कितने “आप” होते हैं? हमारा स्वयं (सेल्फ) एक जैसा और स्थिर नहीं होता। अलग-अलग परिस्थितियों, लोगों और भूमिकाओं में हमारा व्यवहार, विचार और भावनाएँ बदल जाती हैं। यही सेल्फ-प्लुरलिज़्म, सेल्फ-कॉम्प्लेक्सिटी और सेल्फ-कॉन्सेप्ट डिफरेंशिएशन की अवधारणाएँ हैं—जो हमें बताती हैं कि हमारे अंदर कई स्व होते हैं, जो हर माहौल में अलग-अलग रूप में दिखाई देते हैं। आइए, जानते हैं कि हमारे अंदर कितने “आप” हैं और ये कैसे हमारे व्यक्तित्व को बनाते हैं।

, , , , , , ,
अकेले पड़ते बुजुर्ग
मनोवैज्ञानिक सुझाव – जीवन को आसान और समझदार बनाने के लिए, मानसिक स्वास्थ्य – तनाव, चिंता और आत्म-संतुलन के उपाय, व्यवहारिक मनोविज्ञान – सोच और व्यवहार को समझने की कला

पैसे की दौड़ में खोए रिश्ते: ओल्डएज होम्स की संख्या बढ़ी

भागदौड़ भरी जिंदगी और पैसे की होड़ ने हमारे पारिवारिक रिश्तों को गहराई से प्रभावित किया है। ओल्ड एज होम्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो समाज में बदलते मूल्यों और जनरेशन गैप की एक बड़ी तस्वीर पेश करती है।  

, , , , , , , , , ,
man padhna seekho
Human Behavior, Rewire your soach, मनोवैज्ञानिक सुझाव – जीवन को आसान और समझदार बनाने के लिए, मनोवैज्ञानिक हैक्स – दिमाग को समझने और इस्तेमाल करने के आसान तरीके, व्यवहारिक मनोविज्ञान – सोच और व्यवहार को समझने की कला, शरीर और मन का विज्ञानं

मन पढ़ना सीखिए: सामने बैठे व्यक्ति को पहचानने की 20 टिप्स

किसी के मन को पढ़ना कोई जादू नहीं, बल्कि एक कला है जो सूक्ष्म संकेतों, हावभाव, बॉडी लैंग्वेज और व्यवहार को ध्यान से देखने पर आधारित है। यह कला आपके निजी और प्रोफेशनल जीवन दोनों में बेहद मददगार हो सकती है।

, , , , , , ,
Akele rahne ka fashion
मानसिक स्वास्थ्य – तनाव, चिंता और आत्म-संतुलन के उपाय, व्यवहारिक मनोविज्ञान – सोच और व्यवहार को समझने की कला, स्व-विकास – खुद को बेहतर बनाने की दिशा में पहला कदम

अकेले रहने का फैशन: क्या शादी का दौर खत्म हो रहा है?

अकेले रहना या “सिंगल रहना” अब एक फैशन और स्वतंत्रता की निशानी बन गया है। यह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर देखा जा रहा ट्रेंड है जो बेहद चिंताजनक है। शादी का “दौर” खत्म नहीं होना चाहिए, बल्कि उसका अंदाज़ और उद्देश्य बदलना चाहिए।

, , , , , , , , ,
Scroll to Top